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पहली कोरोना मरीज 23 साल की युवती ने स्वस्थ होकर होम क्वारेंटाइन में घर लौटने के बाद पहला संदेश यही दिया कि कोरोना से डरने की जरूरत ही नहीं है। जैसा डाक्टर बताएं वैसा करना है, आत्मबल होना चाहिए और सब मिलकर लड़ेंगे तो इस वायरस से जीत मुश्किल नहीं है। इंग्लैंड में रहने की वजह से कोरोना से संक्रमित हुई छात्रा ने दैनिक भास्कर के पाठकों के लिए एक पत्र लिखा है।


मैं अपनी मातृभूमि को नमन करती हूं। मुझे बहुत खुशी हो रही है कि अब पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर वापस घर अा गई हूं। मेरे पूरे परिवार ने इस मुश्किल घड़ी में साथ देते हुए मेरा मनोबल बनाए रखा। मैं स्वजनों अौर शुभचिंतकों की अाभारी हूं। जिनकी शुभकामनाएं मेरे लिए संबल बनीं। मैं शासन, प्रशासन, अौर एम्स की पूरी टीम का तहेदिल से से धन्यवाद करती हूं। एम्स की पूरी टीम ने नि-स्वार्थ भावना से मेरा ध्यान रखा अौर मुझे पूर्णत: स्वस्थ किया। सभी को यही कहना चाहूंगी कि कोरोना से डरें न अपितु मिलकर इस वायरस से लड़े अौर सरकार के अादेशों का पालन करें। अंत में मेरा यही कहना है